शिव-दारिद्रय-दहन स्तोत्र
ॐनमःशिवाय
द्रारिदय दहन स्त्रोत का अर्थ है-
द्रारिद्रता का दहन करने वाला स्त्रोत।
द्ररिद्रता अर्थात् गरीबी।जिस स्तुति को सुनकर
शिव आनंदित हो उठंते है।ऐसेप्रभाव
वाला द्रारिद्रय दहन शिव स्त्रोत है।शिव पूजन के
बाद इस स्त्रोत का पाठ किया जाना शिव
को प्रसन्न करता है।इस स्त्रोत के पाठ से
द्ररिद्रता से छुटकारा मिलने लगता है।जैसे
कि अग्नि में जलकर कोई चीज जलकर राख
हो जाती है।शिव की प्रसन्नता जीवन में सौभाग्य
लाती है।
स्त्रोत :=
विश्वेश्वरायनरकार्णवतारणाय
कर्णामृतायशशिशेखरधारणाय।
कर्पूरकांतिधवलायजटाधराय
दारिद्रयदुःखदहनायनमःशिवाय।।1।।
गौरीप्रियायरजनीशकलाधराय
कालान्तकायभुजगाधिपकङ्कणाय।
गङ्गाधरायगजराजविमर्दनाय।।2।।
भक्तिप्रियायभवरोगभयापहाय
उग्रायदुर्गभवसागरतारणाय।
ज्योतिर्मयायगुणनामसुनृत्यकाय।।3।।
चर्माम्बरायशवभस्मविलेपनाय
भालेक्षणायमणिकुण्डलमण्डिताय।
मञ्जीरपादयुगलायजटाधराय।।4।।
फणिराजविभूषणाय
हेमांशुकायभुवनत्रयमण्डिताय।
आनंतभूमिवरदायतमोमयाय।।5।।
भानुप्रियायभवसागरतारणाय
कालान्तकायकमलासनपूजिताय।
नेत्रत्रयायशुभलक्षणलक्षिताय।।6।।
रामप्रियायरघुनाथवरप्रदाय
नागप्रियायनरकार्णवतारणाय।
पुण्येषुपुण्यभरितायसुरार्चिताय।।7।।
मुक्तेश्वरायफलदायगणेश्वराय
गीतप्रियायवृषभेश्वरवाहनाय।
मातङग्चर्मवसनायमहेश्वराय।।8।।
वसिष्ठेनकृतंस्तोत्रंसर्वरोगनिवारणम्।
सर्वसम्पत्करंशीघ्रंपुत्रपौत्रादिवर्धनम्।
त्रिसंध्यंयःपठेन्नित्यंसहिस्वर्गमवाप्नुयात्।।9।।
Bahut hi sunder stotra hai..
ReplyDeletedhanyavad ...bahot alg alag jankari prapt hoti hai har din is blog par
ReplyDeleteKhupach wegle Stotra wachayla Miltay,Dhanyawad
ReplyDeleteKhop Chan mahiti dili
ReplyDeleteStotracha prabhav janvto����.......
ReplyDeleteApratim
ReplyDeleteThanks for giving such important information and stotra about Lord shiva.
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