ॐ सत नमो आदेश गुरुजी को आदेश ॐ गुरुजी ॐ गणपत गणपत ऋद्ध पर बैठे गणपत आप देवी पूजो केसर कापूर दोहरा कोट तेहरी खाई कंटक मार खप्पर में लिजे ऋद्धि टूटे नहीं विघ्न व्यापे नहीं हाजर हाजर गणपत की दुहाई गणपत पूजे अमृते सदा फल दीजे, धर्म की डिब्बी पाताल का ठीया नौ नाथ चौरासी सिद्धा मिल भण्डार किया भूरी पाली काली डिब्बी शिवजी के पास मड़ी मसाणी मैं फिरा गुरु हमारे साथ घरत की डिब्बी ब्रह्मा काली ब्रह्मा विष्णु मिल अग्नि प्रजाली नीचे नीचे आग उपर पानी तपो रसोई आद भवानी घ्रततो गणपत पूरे तत पूरे गणेश ऋद्ध सिद्ध तो श्री ईश्वर पूरे तव प्रसाद महेश अन्नपूर्णाय विद्महे महा अन्नपूर्णाय धीमहि तन्नो अन्नपूर्णा प्रचोदयात। श्री नाथजी गुरुजी को आदेश। आदेश।
मन्त्र सिद्धिः- यह मन्त्र ग्रहण काल में जप करके सिद्ध करें। गणेश जी के मन्दिर में जाकर तदनन्तर घर में भोजन तैयार करें, २१ मोतीचूर के लड्डू बनावें, एक तास लोटा लेकर बहते जल में जायें, पांच लड्डू, सिन्दूर, पुष्प जल पर छोड़कर लोटा जल से भर लेवें। अत: गणेश मन्दिर में जावें यहां भी पांच लड्डू, २१ दूब दुर्वा, लाल पुष्प, सिन्दूर तथा ५ सुपारी, ५ लौंग, इलायची गणेश जी को चढ़ाकर पूजा करें। जल भरे लोटे में एक सुपारी, लौंग, इलायची डालें। लोटा घर ले आएं। जहां भोजन सामग्री रखते हैं वहां इस लोटे का कलश स्थापन करें। मन्त्र पाठ७ या ११ बार करके कलश का पूजन करके एक लड्डू चढ़ावें, एक लड्डू पंछियों को देखकर बाकी लड्डू ७ महात्मा या ९ कन्या को खिलावें।
अत: भोजन आरम्भ करें। भोजन में कभी कमी नहीं आयेगी। अनेक लोक भोजन भण्डार भरपूर होकर करेंगे।
अत: भोजन आरम्भ करें। भोजन में कभी कमी नहीं आयेगी। अनेक लोक भोजन भण्डार भरपूर होकर करेंगे।
धन्यवाद
ReplyDeleteकृपया ये कौन कर सकता है ये भी बताने की कृपा करे
Dhanywaad !
ReplyDeleteछान
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