Tuesday, 28 July 2020

अघोर साधना मंत्र

अघोर साधना मंत्र

शिवरात्रि या कृष्ण जयंती पर १०८ बार मंत्र जाप करने से सिद्ध होता है। तांबे के पात्र मै पानी लेकर फूंक मारने से पानी पीने के बाद पूर्ण रक्षा होती है। 


 ॐ गुरूजी चण्ड पड़े, तो धरती लाजे । हाड गले, तो गोरख लाजे । हंस उड़े तो नूरी- जन लाजे । परले जाय, तो सत् - गुरु लाजे । जाळ कु - रखे? काळ कु भखे? अपनी काया आप रखे। आदतों अलीक, पवन की भट्ठी । माता कुँवारी, पिता जती। जलहु बाळा, उलट अलील | पळी काया, राज हंस परम हंस पाया । लो मेलो, लो मेलो । बजर - बजर में पानी , गुंजत अलील । गुपत जुपत दो वाणी । आद की जोत, नाद की काया । नाद - बुन्द से अघोर पाया । अघोर बीज मन्त्र जपो जाप 
ॐ गुरुजी अघोर - अघोर महा - अघोर । माता तो पिता अघोर । बहन तो भाई अघोर । गुरु तो चेला अघोर | देवळ तो मस्जीद अघोर । मुल्ला की बाँग अघोर । काजी का कुरान अघोर । ब्रह्मा का वेद अघोर । नाद अघोर , बीन्द अघोर । शंख अघोर , शङ्खान अघोर , रुप अघोर । चन्द्र अघोर , सुरज अघोर । नव लाख तारा अघोर । अढार भार, वनस्पति अघोर | पूर्व अघोर , पश्चिम अघोर । तंत्र अघोर , दक्षिण अघोर । बजर मेरी काया अघोर । अमास की रात अघोर पेला तो पलक अघोर ।  दुजा क्रोध अघोर । तीजा तो त्रण भुवन अघोर। चौथा तो चार वेद अघोर ।पाँच पाँच पाण्डव अघोर । छट्ठा छ दर्शन अघोर । सातमा तो सात सागर अघोर । आत्मा तो आठ के - पर्वत अघोर । नवमा तो नव-नाथ अघोर । दशमा तो दश अवतार अघोर। अगियारा तो रुद्र अघोर बार पन्थ अघोर । तेरा तो तिलक अघोर । चौंदा तो भूवन अघोर । पंधरा तो तिथी अघोर । सोला तो सोळ कळा अघोर । सतरा तो सिता अघोर । अठारा तो आठरा भार वनसप्ति अघोर । ओगणीसा तो काळ अघोर । चौसा तो विष अघोर । एकवीसा तो ब्रम्हांड अघोर। कहे अलखजी, सुने पार्वती जी अवतार लेकर अघोर में अघोर मीलाया, नाभी में वसे मुळ त्रिकुटी बसे  गणेश । बजरी जरे, बजरी जरे, जरगीए काम-क्रोध । पाँच नाद की मुद्रा जरे । पेरु बजरंग लगोट काया का पारा ना जरे । सिद्धो कबी न आवे । जम की चोट । चन्दा घर चढे, सुरज घर मीले । सो जोगी एक दिन में एक सो आठ जपे । काटा काटे नहीं ।जलाया जले नहीं । डुबाया डुब नहीं । जमीन गाळ दे सो उलटा होकर निकल जाए । सुखा दे रस्सी, पे तो हरा हो जाय । अघोर मंत्र - जाप सम्पूर्ण भया। अनन्त कोट सिद्धों में बेठ महादेव जी ने पार्वती को सुनाया | जपन्ते कपन्ते मोक्ष पावन्ते । ॐ नमः शिवाय ।


 

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