रक्षा विजय प्राप्ती करता शाबर मंत्र
हाथ बसे हनुमान, भैरों बसे लिलार। जो हनुमान को टीका करे, मोहे जग संसार। जो आवै छाती पाँव धरे , बजरंग बीर रक्षा करें। महम्मदा बीर छाती टोर, जुगुनियां बीर शिर फोर|| उगुनियां बीर मार-मार भास्वंत करे, भैरा बीर की आन फिरती रहे. बजरंग बीर रक्षा करे। जो हमारे ऊपर घाव छाले, तो पलट हनुमान बीर उसी को मारे । जल बाँधे, थल बाँधे, आर्या आसमान बांधे, कुदवा और कलवा बाँधे, चक-चक्की असा असमान बांधे । बाबा साहिब, साहिब के पूत, धर्म के नाती ! आसरा तुम्हारा है।
खुद की रक्षा, शत्रु पराजय के लिए मंत्र का प्रयोग करे । १०८ बार मंत्र जाप करके धूप के ऊपर मंत्र लेकर ताईत में लेकर लाल रेशम के धागे में लेकर बांध दे।
तुमच्या माध्यमातून हे सगळे मन्त्र कळताय आम्हाला
ReplyDeleteSir my father has given this mantra but sum words are different
ReplyDeleteअलग अलग जगह पर मंत्र के संपुट अलग हो सकते है. लेकीन महत्वपूर्ण ये है कि आप मंत्र कीस व्यक्ती से ले राहे हो | कोई अधिकारी व्यक्ती हो तो सिर्फ राम नाम से भी आप परिपूर्ण हो सकते हो | मंत्र मै बदलाव इसलिये किये है कि कोई दुसरे को हानी ना पोहोचाए सिर्फ खुद कि रक्षा और शत्रू कि पराजय के लिए है | किसी को कोई मंत्र दिया जाये तो वो दुसरो को हानी पोहोचणे मै लाग जाता है |
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