Sunday, 25 March 2018

Batuk Bhairav Sadhna (बटूक भैरव साधना)


                                     बटूक भैरव साधना




बटूक भैरव साधना विलक्षण फल देणे वाली साधना है |जीवन के सभी अभाव, प्रकट व गुप्त शत्रुओ का समुल निवारण करती है | विपन्नता, गुप्त-शत्रू, ऋण, मनोकामना पूर्ती और भगवान भैरव कि कृपा प्राप्ती इस साधना से होती है   
  
विधी -  संकल्प, गणपती पूजन , कुलदेवता पूजन , सतगुरु पूजन , १५                  मिनट गुरुमंत्र जाप,  बटूक भैरव मंत्र , १५ मिनट गुरुमंत्र जाप.
विनियोग » ॐ अस्य श्री बटुकभैरव मन्त्रस्य बृहदारण्यक ऋषिः ,                          अनुष्टुप् छंदः श्रीमद बटुकभैरव देवता बं बीजम् ,
            ह्रीं शक्तिः , ॐकीलकं सर्वार्थ सिद्धार्थे श्रीमद बटुकभैरव प्रीतये                  जपे  विनियोगः ।।  

ऋष्यादिन्यासः ।।  
     बृहदारण्यक ऋषये नमः……शिरसि  
     अनुष्टुप् छंदसे नमः…….. मुखे  
     श्रीमद बटुकभैरव देवतायै नमः……….हृदये  
    बं बीजाय नमः ………गुह्ये  
     ह्रीं शक्तये नमः………..पादयोः 
     ॐ कीलकाय नमः………सर्वांगे   

करन्यासः 
     ॐ ह्रां ब्रां अंगुष्ठाभ्याम् नमः । 
     ॐ ह्रीं ब्रीं तर्जनीभ्याम् नमः। 
     ॐ हूँ ब्रूं मध्यमाभ्याम् नमः। 
     ॐ ह्रैं ब्रैं अनामिकाभ्याम् नमः। 
     ॐ ह्रौं ब्रौं कनिष्टिकाभ्याम् नमः। 
     ॐ ह्रः ब्रः करतल करपृष्ठाभ्याम् नमः।  

हृदयादि न्यासः 
     ॐ ह्रां ब्रां हृदयाय नमः। 
     ॐ ह्रीं ब्रीं शिरसे स्वाहा। 
     ॐ ह्रूं ब्रूं शिखायै वषट् । 
     ॐ ह्रै ब्रैं कवचाय हुम्। 
     ॐ ह्रौं ब्रौं नेत्रत्रयाय वौषट्। 
     ॐ ह्रः ब्रः अस्त्राय फट्।  

ध्यानम् 
     करकलित कपालः कुण्डली दण्डपाणि, स्तरुणतिमिरनीलो व्याल               यज्ञोपवीती।।
     क्रतुसमयसपर्या विघ्नविच्छेदहेतुर्जयति बटुकनाथ सिद्धिदः                       साधकानाम् ।।  

 मंत्र 
    ॐ ह्रीं बं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं  
     बटुक भैरव जपोंतरांत पुष्प लेकर शाम को बटुक जी को निवेदन करे -  
     ऐं ह्रीं क्लीं श्रीबटुक-भैरवाय आपदुद्धारणाय महान्-श्याम-स्वरूपाय             दीर्घारिष्ट-विनाशाय नाना प्रकार भोग प्रदाय                        
     मम (यजमानस्य वा) सर्वारिष्टं हन हन, पापं मथ मथ, आरोग्यं कुरु         कुरु, राज-द्वारे जयं कुरू कुरू,  व्यापारे     
     लाभं वृद्धिं वृद्धिं, रणे शत्रून् विनाशय विनाशय, पूर्णा आयुः कुरू कुरू,           स्त्री-प्राप्तिं कुरू कुरू, हुम् फट् स्वाहा ।।  

समय - संध्याकाल मै १.३० - ३.३० घंटे 
भोग - गुड + भुने चने, मेदू वडा + दही

श्रीनाथजी  गुरूजी को आदेश आदेश आदेश

किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इस नंबर पर फ़ोन करें :  
         संस्थापक - शंकरनाथ (महाराष्ट्र ) ९४२०६७५१३३.
 अधिकृत प्रवक्ता - नंदेशनाथ (महाराष्ट्र )  ८८५६९६६४८०.

9 comments:

  1. ��khupach prabhvi sadhana aahe.

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  2. drushya adrushya shatrunivaranhetu bahut prabhavi sadhan

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  3. ब्लॉग सुरु केला त्या बद्दल धन्यवाद

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  4. Shankarnaath yani mahiti chan dili
    Dhanyawad

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  5. Hya sadhne madhe Khup shakti ahe. Hyacha fayda Mala Majya job madhe zala. Dhanywad shankarnaath ji yani yogy margdarshan kele.

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  6. Beautiful explanation of Lord Batuk Bhairav. Thank you very much

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  7. May God Bless you for sharing such type of important yet confidential Sadhanas for common people.I have experienced the power of this Divine Sadhana. If you have strong faith God helps you by sending the angels like H. H .Shankarnath Maharaj who takes painstaking efforts for the peaceful life of all Sadhakas.

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