Thursday, 22 March 2018

Ganpati Sadhna (गणपती साधना)


                                                                 गणपती साधना 

गणपती साधना एक दुर्लभ साधना है | कोई भी प्रकार के विघ्न हो तो आप गणेश 
जी कि साधना कर सकते है | गणेश जी बुद्धी कि देवता है तो परीक्षा मै अच्छे मार्क 
लाने हेतू विश्वास के साथ साधना करे |

YOUTUBE LINK -

https://www.youtube.com/watch?v=BB3xNk4AlTA&t=158s


चना - एक चौकी लेकर उसपर पिले या लाल रंग  का पीस रखे. उसपर 
     बीच मै ४ पंखुडी कि चावल से आकृती बनाये. उसके एक तरफ 
           पिले रंग के चावल  का स्वस्तिक  और दुसरी तरफ लाल रंग के
           चावल का स्वस्तिक निकाले. पिले रंग के स्वस्तिक के साथ ६ पिले 
           रंग कि सुपारी और लाल रंग कि तरफ ६ लाल रंग कि सुपारी.
           ४ पंखुडी कि आकृती मै गणपती जी को रखे और गणपती जी नही 
           हो तो सुपारी भी चलेगी.    

विधी - 
        संकल्प  केबाद   गणेशजी का पूजा अभिषेक, यंत्र और उसपर जो देवता है उनकी पूजा करे  
        (पुष्प,हलदी,कुमकुम,धूप,दीप,भोग) 
        पूजा होने के पश्च्यात जप शुरू करे
       जप होने के बाद आरती करके अगले दिन विसर्जन करे 
पूजा साहित्य - 
 - नारियल , २०- सुपारी , चावल , दीप , -चौकी , लाल वस्त्र , २५- विड्याची पाने , - खारीक , 
- बादाम, - छुट्टे पैसे , - जनेऊ  , हलदी ,कुमकुम , सिंदूर , अक्षत,  दुर्वा , पुष्प, भोग - मोदक 
       बुंद का लड्डू                
 न्यास
  ***कर न्यास***

        ॐ ह्रां गां अंगुष्ठाभ्यां नमः 
        ॐ ह्रीं गीं तर्जनीभ्यां नमः         
        ॐ ह्रूं गूँ मध्यमाभ्यां नमः 
        ॐ हैं गैं अनामिकाभ्यां नमः
        ॐ हौं  गौं  कनिष्टिकाभ्यां वौषट्
        ॐ ह्रः गः करतलकरपुष्टाभ्यां नमः 

।  अंग न्यास ।

        ॐ ॐ हृदायाय नमः         
        ॐ ग़लों शिरसे स्वाहा
        ॐ   गं   शिखायै वषट्
        ॐ गणपते कवचाय हुम्
        ॐ नमः नेत्रत्रयाय वैषट
        ॐ  ॐ ग्लौ गं गणपते नमः आस्राय फट्

। । ऋषादीन्यास ।।

        ॐ शिरसे
        ॐ ग्लोम् मुखे
        ॐ गं हॄदय         
        ॐ गणपते लिंगें 
        ॐ नमः नाभो
        ॐ ग़लों गं पादयोः
        ॐ ग़लों गं गणपतये नमः सर्वांगे

         ममसर्वकामनापुरत्यर्थे ज         जपे विनयोगाय नमः अज्जलो सर्वांगे ।

पञ्चोपचार पूजन 

        लं पृथ्वीतत्वात्मिकायै गणपतिदेव्ये गन्ध परिकल्पयामी ।       
        हं आकाशतत्वात्मिकाये गणपतिदेव्ये  पुष्पं परिकल्पयामि
        यं वायुतत्वात्मिकायै गणपतिदेव्ये धूपं परिकल्पयामि
        रं  वहीतत्वात्मिकायै गणपतिदेव्ये दीपं परिकल्पयामि
        वं जलतत्वात्मिकायै गणपतिदेव्ये नैवेदयं परिकल्पयामि
        सं सर्वतत्वात्मिकायै गणपतिदेव्ये सर्वोपचारां परिकल्पयामि

।। शाबर गणेश गायत्री ।।


  सत नमो आदेश । गुरूजी को आदेश । ॐ गुरूजी। ॐ सांचामन्त्र भजन महेश मूल महल में 
  बसे गणेश गुदा चक्र पद्म चक्र कर्लो   पाक हृद्धय परम् ज्योत प्रकाश गणपत स्वामी जी सन्मुख 
  रहो हृदय ज्ञान आगम से कहो ॐ सोहं सत्य का शबद,  कोई नर योगीश्वर विरला लहे ।
  उर्ध्वमुख वेद कहन्ते सर्वकमल मेँ फेर कराओ ईडा पिंगला सुखमना तीनो इक घर ल्याओ।
  बंक नाड बैठ कर आवो झिलमिल झिलमिल जोत जागीझिलमिल जोत झिन्कार बाजा बाजे 
  नाद बिन्द का हुवा मेला तत पिता  का हुवा मेला कहे श्रीनाथजी सुनो आघोड़पिर त्रिकुटी 
  समाध शिव सुन्न में लगाऊ नाद बिन्द की गांठ कर ब्राम्हाण्डि चढ़ जाऊ  आत्मा परमात्मा 
 का दर्शन घट भीतर पाऊ हंस परमहंस का दर्शन घट भीतर पाऊ गणेश का मन्त्र सचकर 
 ध्याउ मूल स्थान  चतृर्दल पंकड़ी तहाचतृर्दल मन्त्र का बासा तहा गणेश देवते का वासा गणेश
  देवता शक्ति स्वरूप मूसा वाहनगंगा गोदावरी करे स्न्नान कोई चढावे जान कोई चढावे 
 अनजान जान चढावे मोक्ष मुक्त फल पावे , अनजान चढावे अकार्थ जावे छे हजार 
 जप सुमेर यज्ञ किये का फल तिन हजार जप की पूजा, इतनीगणेश गायत्री जाप सम्पूर्णं भया। 
 आनन्त कोट सिद्धों में श्रीशम्भुजती गुरु गोरक्षनाथजी ने कहा। धुप दिप नैवद्य् कुसुम सूत्र तिलक 
  अक्षिद पुष्प फल दक्षिणा सहित पूजयामि ।

        मंत्र - ॐ  गं गणपतये नमः

        साधना काल  - ४५ मिनट से .३० घंटे तक         
        समय   - सवेरे /संध्याकाल मै २१ दिन ,सिद्ध होनेके पश्चात् हर महीने के चतुर्थी  को करे .
        साधना काल मै उपवास का कोई बंधन नही है 

अधिक जानकारी के लिए संपर्क -

  संस्थापक -           शंकरनाथ (महाराष्ट्र ) ९४२०६७५१३३.
 अधिकृत प्रवक्ता - नंदेशनाथ (महाराष्ट्र )  ८८५६९६६४८०.

31 comments:

  1. अप्रतिम साधना
    खुप छान अनुभव
    लवकर विघ्न नाश
    ब्लॉग सुरु केला धन्यवाद

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  2. Guruji,kaalgyan mantra Sadhna batayen

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    1. जी अभी देते है, थोडा इंतजार करे ||
      धन्यवाद

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  3. Blog chalu kela hey khup chan jale interaction vadel👍

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    1. आपके साधना के विषय मै कोई सवाल हो तो अवश्य पुछे
      धन्यवाद

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  4. Very nice blog, Mayur. We seek to next blog soon. Keep it up.

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  5. शंकरनाथ जी ने बहुत अच्छा मार्गदर्शन दिया है। साधने का अनुभव अत्यंत सुखदायी है।

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  6. Sadhana bahot acchi hai
    Pehli bar jb sadhana guru mukh se aayi thi to maine ek sawal kiya tha ki sadhana ki rachana mai 4 pankhudaya kyu hai to shankar at ji ne bahot accha marg darshan diya tha ki jaise jiske vighn hai us hisab se 3-4 pan khuda karni padeti hai.

    Pehli bar sadhana ek kagaj per ki thi abhi to bahot Vistar se bataya gya hai uske liye shankarnath ji ka dhanyawad
    Office mai jin logoko sadhana karni hai wo ek paper pr chitr nikal kr, kr sakte hai.
    Nandeshnath ji ka bhi bahot dhanyawad

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  7. I am doing Bagalamukhi Sadhana and I am witnessing immediate results in my business growth and stability.

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  8. Shankarnathji has tremendous knowledge about the Nath Sadhana and we all are fortunate enough to become his shishya and get proper guidance towards leading a calm & peaceful life.

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  9. शंकर नाथ यांचे मार्गदर्शनात गणपती साधना केली तसेच कुलदैवत साधना केली। बँकेतल्या सर्व अडचणीत महाराजांनी कायम लक्ष घातले आणि मला कसलाही त्रास होऊ दिला नाही

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  10. खूप मानसिक समाधान मिळाले

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  11. खूप मानसिक समाधान मिळाले

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  12. मन पूर्वक धान्यवाद

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  13. Ganpati sadhna is very nice. I feel lots of happines after doing sadhna
    Great guidance by shankarnath ji and nandeshnath ji. Keep it up
    Thank you .

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  14. नमस्कार, हा एक चांगला पोस्ट आहे मला ते आवडले. मी या पृष्ठास बुकमार्क करणार आहे. मी याबद्दल माझ्या मित्रांना सांगणार आहे. धन्यवाद!"

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  15. आप सबके बहोत धन्यवाद्.
    आपमै से किसीर ने अभीतक ये साधना नही की तो एक अनुभव के तोर पर एक बार जरुर करके देखे | मनशान्ति का स्वयं अनुभव करे |

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  16. Nice sadhna. Khup prabhavi ahe.

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  17. Very nice information it will be helpful for everyone

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  18. Khup sundar sadhana ahe...

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  19. Paurnima hinge3 May 2018 at 08:21

    Sadhana atishay prabhavi aahe

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  20. खूप सुंदर साधना सांगितली आहे आदेश नंदेशनाथ जी सद्गुरू शंकर नाथ जिको

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श्राद्ध न करनेसे हानि

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