शनि जिस भाव में बैठा होता है वहाँ से तीसरे,सातवें और दशवें भाव को देखता हे
शनि तुला राशि में उच्च का होता है तथा मेष राशि में नीच का होता है किसी की जन्म-कुंडली में यदि शनि उच्च का होता है यानि तुला राशि में होता है तो वह अधिपति,जमींदार,राजा तुल्य बलवान,यशस्वी,परम-शक्तिशाली,भाग्यशाली,चिंतन करनेवाला, पूर्ण प्रगति करने वाला,जादूगर,इंजिनियर,रसायन-शास्त्री, साहित्यकार, वैज्ञानिक, पूर्ण रहस्यवादी आदि होता है ऐसे व्यक्ति को चाचा और निम्न वर्ग के लोगों को किसी प्रकार का कष्ट नहीं देना चाहिये साथ हीं उसे मांस-मदिरा तथा पर-स्त्री गमन से बचना चाहिए, नहीं तो उसका शनि अपना शुभ फल देना छोड़ देता है। यदि शनि अपनी नीच राशि यानि मेष राशि में होता है तो इसके विपरीत फल प्राप्त होते हैं.
🌹🌹हर हर महादेव 🌹🌹
- - मनोज कुमार गुप्ता
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