धूमावती साधना
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धूमावती पार्वती का एक रूप
हैं। इस रूप में उन्हें बहुत भूख लगी और उन्होंने महादेव से कुछ खाने को माँगा। महादेव
ने थोड़ा ठहरने के लिये कहा। पर पार्वती क्षुधा से अत्यंत आतुर होकर महादेव को निगल
गई। महादेव को निगलने पर पार्वती को बहुत कष्ट हुआ।
धूमावती साधना विधान
- अष्ठमी अमास्या अथवा रविवार के दिन सम्पन्न करें।
काले तिल , काली मिरी , लोंग , काली सरसों , पिली सरसों
- रात्री 9 बजे से 12 बजे के मधय करें।
- दक्षिण दिशा की ओर मुह करके ऊनी आसन पर बैठें।
- लाल वस्त्र, लाल धोती या काला वस्त्र का प्रयोग करें ।
- ऐकांत स्थल पर साधना करें।
- अपने सामने चोकी पर लाल वस्त्र बिछाकर धूमावती का चित्र स्थापित करें ।
धूमावती को हल्दी/कुमकुम ना चढ़ाए
फुल चढ़ाए , भोग ना चढ़ाए
- धूप दीप जला दें ओर पुजन प्रारम्भ करें ।
विनियोग:
अस्य धूमावती मंत्रस्य पिप्पलाद ॠषि, र्निवृच्छन्द:, ज्येष्ठा देवता , 'धूं' बिजं, स्वाहा शक्ति:, धूमावती किलकं ममाभिष्ट सिद्धयर्थे जपे विनियोग: ।
हाथ में लिये हुए जल को भुमि पर या किसी पात्र में छोड दें ।
ॠष्यादि न्यास :
ॐ पिप्पलाद ॠषये नम: शिरसे
ॐ र्निवृच्छन्दसे नम: मुखे
ॐ ज्येष्ठा देवतायै नम: हृद्धि
ॐ धूं बिजाय नम: गुह्ये
ॐ स्वाहा शक्तये नम: पाद्यो
ॐ धूमावती किलकाय नम: नभौ
ॐ विनियोगाय नम:सर्वांगे
कर न्यास :
ॐ धूं धूं अंगुष्ठाभ्यां नम:
ॐ धू तर्जनिभ्याम नम:
ॐ मां मधयाभ्याम नम:
ॐ वं अनामिकाभ्याम नम:
ॐ तीं कनिष्टकाभ्याम नम:
ॐ स्वाहा करतल कर पृष्टाभ्याम नम:
संकल्प :
दाहिने हाथ मेइन जल लेकर संकल्प करें -
अमुक मास अमुक दिन अमुक गोत्र अमुक नाम समस्त शत्रु भय, व्याधि निवार्णाय दु:ख दारिद्र विनाशाय श्री धूमावती साधना करिष्ये ।
जल को भुमी पर छोड़ दें ।
ध्यान :
दोनो हाथ जोड कर भगवती धूमावती का धयान करें :
अत्युच्चा मलिनाम्बराखिल जनौ द्वेगावहा दुर्मना
रुक्षाक्षित्रितया विशालद्शना सुर्योदरी चंचला ।
तस्वेदाम्बुचित्ता क्षुधाकुल तनु: कृष्णातिरुक्षाप्रभा ;
धयेया मुक्तक्त्वा सदाप्रिय कलिर्धुमावती मन्त्रिणा ।
फिर 51 माला का जाप करें।
मन्त्र:
धूं धूं धूमावती ठ: ठ:
ऐसा 11 दिन करें।
माला यंत्र को अगले दिन कभी भी किसी निर्जन स्थान पर दबा दें। पिछे मुड कर ना देखें । चाहे तो किसी नदी या सरोवर में भी प्रवाहित कर सकते हैं । घर आकर हाथ मुह धो लें ।
किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इस नंबर पर फ़ोन करें :
शंकरनाथ - 9420675133
नंदेशनाथ - 8087899308
धूमावती साधना विधान
- अष्ठमी अमास्या अथवा रविवार के दिन सम्पन्न करें।
काले तिल , काली मिरी , लोंग , काली सरसों , पिली सरसों
- रात्री 9 बजे से 12 बजे के मधय करें।
- दक्षिण दिशा की ओर मुह करके ऊनी आसन पर बैठें।
- लाल वस्त्र, लाल धोती या काला वस्त्र का प्रयोग करें ।
- ऐकांत स्थल पर साधना करें।
- अपने सामने चोकी पर लाल वस्त्र बिछाकर धूमावती का चित्र स्थापित करें ।
धूमावती को हल्दी/कुमकुम ना चढ़ाए
फुल चढ़ाए , भोग ना चढ़ाए
- धूप दीप जला दें ओर पुजन प्रारम्भ करें ।
विनियोग:
अस्य धूमावती मंत्रस्य पिप्पलाद ॠषि, र्निवृच्छन्द:, ज्येष्ठा देवता , 'धूं' बिजं, स्वाहा शक्ति:, धूमावती किलकं ममाभिष्ट सिद्धयर्थे जपे विनियोग: ।
हाथ में लिये हुए जल को भुमि पर या किसी पात्र में छोड दें ।
ॠष्यादि न्यास :
ॐ पिप्पलाद ॠषये नम: शिरसे
ॐ र्निवृच्छन्दसे नम: मुखे
ॐ ज्येष्ठा देवतायै नम: हृद्धि
ॐ धूं बिजाय नम: गुह्ये
ॐ स्वाहा शक्तये नम: पाद्यो
ॐ धूमावती किलकाय नम: नभौ
ॐ विनियोगाय नम:सर्वांगे
कर न्यास :
ॐ धूं धूं अंगुष्ठाभ्यां नम:
ॐ धू तर्जनिभ्याम नम:
ॐ मां मधयाभ्याम नम:
ॐ वं अनामिकाभ्याम नम:
ॐ तीं कनिष्टकाभ्याम नम:
ॐ स्वाहा करतल कर पृष्टाभ्याम नम:
संकल्प :
दाहिने हाथ मेइन जल लेकर संकल्प करें -
अमुक मास अमुक दिन अमुक गोत्र अमुक नाम समस्त शत्रु भय, व्याधि निवार्णाय दु:ख दारिद्र विनाशाय श्री धूमावती साधना करिष्ये ।
जल को भुमी पर छोड़ दें ।
ध्यान :
दोनो हाथ जोड कर भगवती धूमावती का धयान करें :
अत्युच्चा मलिनाम्बराखिल जनौ द्वेगावहा दुर्मना
रुक्षाक्षित्रितया विशालद्शना सुर्योदरी चंचला ।
तस्वेदाम्बुचित्ता क्षुधाकुल तनु: कृष्णातिरुक्षाप्रभा ;
धयेया मुक्तक्त्वा सदाप्रिय कलिर्धुमावती मन्त्रिणा ।
फिर 51 माला का जाप करें।
मन्त्र:
धूं धूं धूमावती ठ: ठ:
ऐसा 11 दिन करें।
माला यंत्र को अगले दिन कभी भी किसी निर्जन स्थान पर दबा दें। पिछे मुड कर ना देखें । चाहे तो किसी नदी या सरोवर में भी प्रवाहित कर सकते हैं । घर आकर हाथ मुह धो लें ।
किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इस नंबर पर फ़ोन करें :
शंकरनाथ - 9420675133
नंदेशनाथ - 8087899308
Apratim sadhna also very effective
ReplyDeleteये साधना बहुत हि प्रभावी है ,सभी अशुभ शक्तीयोंसे बचाव होता है
ReplyDeleteI understand that this is a very effective and powerful sadhana...
ReplyDeleteAtaynt prabhavi sadhana aahe, sadhana purn zalyawer sharirik halke pana janvto ��.
ReplyDeleteBahut acchi jankari di hai
ReplyDeleteSundarch 👍
ReplyDeleteIndian Astrologer Sairam ji is one of the most effective astrologers in the USA, as well as a spiritual healer and psychic.
ReplyDeletePsychic in California