Tuesday 24 April 2018

Guru Sadhna (गुरु साधना)

गुरु साधना

शास्त्रों के अनुसार गुरु का स्थान सबसे ऊँचा बताया जाता है | गुरु के विषय में यह कहा जाता है कि यदि गुरु और ईश्वर दोनों एक साथ खडे हो तो पहले गुरु के चरण स्पर्श करने चाहिए क्योंकि गुरु ने ही ईश्वर तक पहुँचने का मार्ग बताया है | एक बार काकभुसंडी जी भगवान शिव का तप कर रहे थे तभी काकभुसंडी जी के गुरु आयें | अपने गुरु को देखकर काकभुसंडी जी खडे नहीं हुए , उनका ऐसा आचरण देखकर शिवजी काकभुसंडी जी से रुष्ट हो गए और काकभुसंडी जी को श्राप दे दिया |

गुरु का स्थान तो भगवान शिव से भी ऊँचा होता है और गुरु का अपमान करने पर भगवान शिव दण्डित करते है | एक मान्यता के अनुसार शिव ही गुरु रूप धारण कर शिष्य का उद्धार करते है , पर यह भी सत्य है कि जप ईश्वर कृपा होती है तभी गुरु की प्राप्ति होती है और जप गुरु कृपा होती है तभी ईश्वर की प्राप्ति होती है और इस तरह होनो ही एक दूसरे के पूरक है | उदाहरण के लिए राजस्थान और सहारा जैसे मरुस्थल को पानी की अधिक आवश्यकता है पर उस मरुस्थल में कभी बारिश नहीं होती , पर चेरापूंजी और उत्तराखंड में इतनी हरियाली है पर वहाँ पानी की आवश्यकता नहीं होने पर भी वर्षा होती है क्योंकि जहां पेड़ होते है वही वर्षा होती है और जहाँ वर्षा होती है वही पेड़ होते है क्योंकि दोनों ही एक दूसरे के पूरक है ठीक उसी प्रकार गुरु और ईश्वर एक दूसरे के पूरक है |


प्रस्तुत साधना से व्यक्ति को गुरु की प्राप्ति होती है और उस की आध्यात्मिक उन्नति होती है | भगवन शिव कृपा कर उसके लिए गुरु भेज देते है |

|| मंत्र ||

ॐ गुरु देवाय विद्महे यज्ञपुरुषाय धीमहि तन्नो गुरु: प्रचोदयात |


|| विधि ||

इस साधना को गुरु पूर्णिमा या किसी भी पूर्णिमा से शुरू करे और शिवलिंग के पास बैठकर लिंग पूजन करे और इस मंत्र का ११ माला जाप करे | ऐसा ४१ दिन करे | माला कोई भी इस्तेमाल की जा सकती है | साधना के दिनों में नहाते वक्त पानी में चुटकी भर हल्दी डालकर स्नान करे |


ईश्वर कृपा से आपको गुरु प्राप्त हो जायेंगे |

श्रीनाथजी  गुरूजी को आदेश आदेश आदेश
    
किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इस नंबर पर फ़ोन करें :    
शंकरनाथ - 9420675133

नंदेशनाथ - 8087899308

14 comments:

  1. Khup Chan, jay Gurudev

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  2. Guru ka mahatva batane ke liye dhanywad Nandesh Nath ji.

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  3. *गुरु क्या है*

    *१) गुरु हर सवाल का जवाब है*
    *२) गुरु हर मुश्किल की युक्ति है*
    *३) गुरु ज्ञान का भंडार है*
    *४) गुरु मार्गदर्शक है*
    *5) गुरु एक अहसास है*
    *६) गुर प्यार है*
    *७) गुरु ज्ञान की वाणी है*
    *८) गुरु हमारे जीवन का चमत्कार है*
    *९) गुरु मित्र है*
    *१०) गुरु भगवान् रूप है*
    *११) गुरु अध्यात्म की परिभाषा है*

    *धन्य हे वो लोग जो गुरु के संपर्क मे है* *तथा उनके सानिध्य में जीवन के कुछ ज्ञान और शिक्षा ग्रहण करने का अवसर मिला।*
    *गुरु शब्द और गुरु का जीवन समुंदर की गहराई है जिसका वर्णन नहीं किया जा सकता है।*

    *"सब धरती कागज करूँ*
    *लिखनी सब वनराय*
    *सात सुमुंदर को मसि करूँ*
    *गुरु गुण लिखा ना जाये"*

    *गुरु की महत्तl*

    *करता करे ना कर सके , गुरु करे सब होय |*
    *सात द्वीप नौ खंड में गुरु से बड़ा ना कोय ||*
    *मैं तो सात संमुद्र की मसीह करु , लेखनी सब बदराय |*
    *सब धरती कागज करु पर , गुरु गुण लिखा ना जाय ।।*

    *गुरु का हाथ पकड़ने की बजाय अपना हाथ गुरु को पकड़ा दो*
    *क्योंकि हम गुरु का हाथ गलती से छोड़ सकते हैं, किन्तु........*
    *गुरु हाथ पकड़ेंगे तो कभी नहीं छोड़ेंगे*

    *गुरु ही ब्रम्हा गुरु ही विष्णु गुरु देवो महेश्वरः ।।*
    *गुरु ही साक्षात परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवै नमः ।।*

    *गुरु के बिना ज्ञान अधूरा है , गुरु ही हमें सही राह दिखाते है ।*
    *इसलिए हमें गुरु की हर आज्ञा का पालन करना चाहिए ।।*
    *प्रभु श्रीराम एवं श्री कृष्ण को भी गुरु के पास शिक्षा प्राप्त करना पड़ा था ।।*
    *गुरु भक्ति के कई उदाहरण हमारे ग्रंथों में हैं ।।*

    *गुरु केवल मार्गदर्शक है।*
    *आत्मा के लिये तो आपको ही पुरुषार्थ करना है।*
    *गुरु ने रास्ता दिखाया है,*
    *चलना आपको है।*
    *गुरु ने उपदेश दीया है,*
    *पालन आपको करना है।*
    *गुरु की वाह वाह से मोक्ष नहीं मिलता है।*
    *गुरुवचन के अनुसार चलने से मोक्ष मिलता है*

    *जब गुरु के दर जाना हो,*
    *तो दिमाग बंद कर लेना.....*
    *जब गुरु के शबद सुनने हों,*
    *तो कान खोल लेना....*
    *जब गुरु पे विश्वास करना हो,*
    *तो आँखें बंद कर लेना....*
    *जब गुरु को अर्पण करना हो,*
    *तो दिल खोल लेना......*
    *जब गुरु का प्रवचन सुनना हो,*
    *तो मुख बंद कर लेना......*
    *जब गुरु की सेवा करनी हो,*
    *तो घड़ी बंद कर लेना.....*
    *जब गुरु से विनती करनी हो,*
    *तो झोली खोल लेना..... !!!!!!*
    *यह गुरु का दर है*
    *यहाँ मनमानी नही होती,*
    *यह बात भी पक्की है*
    *कि कोई परेशानी नही होती,*

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  4. *गुरु क्या है*

    *१) गुरु हर सवाल का जवाब है*
    *२) गुरु हर मुश्किल की युक्ति है*
    *३) गुरु ज्ञान का भंडार है*
    *४) गुरु मार्गदर्शक है*
    *5) गुरु एक अहसास है*
    *६) गुर प्यार है*
    *७) गुरु ज्ञान की वाणी है*
    *८) गुरु हमारे जीवन का चमत्कार है*
    *९) गुरु मित्र है*
    *१०) गुरु भगवान् रूप है*
    *११) गुरु अध्यात्म की परिभाषा है*

    *धन्य हे वो लोग जो गुरु के संपर्क मे है* *तथा उनके सानिध्य में जीवन के कुछ ज्ञान और शिक्षा ग्रहण करने का अवसर मिला।*
    *गुरु शब्द और गुरु का जीवन समुंदर की गहराई है जिसका वर्णन नहीं किया जा सकता है।*

    *"सब धरती कागज करूँ*
    *लिखनी सब वनराय*
    *सात सुमुंदर को मसि करूँ*
    *गुरु गुण लिखा ना जाये"*

    *गुरु की महत्तl*

    *करता करे ना कर सके , गुरु करे सब होय |*
    *सात द्वीप नौ खंड में गुरु से बड़ा ना कोय ||*
    *मैं तो सात संमुद्र की मसीह करु , लेखनी सब बदराय |*
    *सब धरती कागज करु पर , गुरु गुण लिखा ना जाय ।।*

    *गुरु का हाथ पकड़ने की बजाय अपना हाथ गुरु को पकड़ा दो*
    *क्योंकि हम गुरु का हाथ गलती से छोड़ सकते हैं, किन्तु........*
    *गुरु हाथ पकड़ेंगे तो कभी नहीं छोड़ेंगे*

    *गुरु ही ब्रम्हा गुरु ही विष्णु गुरु देवो महेश्वरः ।।*
    *गुरु ही साक्षात परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवै नमः ।।*

    *गुरु के बिना ज्ञान अधूरा है , गुरु ही हमें सही राह दिखाते है ।*
    *इसलिए हमें गुरु की हर आज्ञा का पालन करना चाहिए ।।*
    *प्रभु श्रीराम एवं श्री कृष्ण को भी गुरु के पास शिक्षा प्राप्त करना पड़ा था ।।*
    *गुरु भक्ति के कई उदाहरण हमारे ग्रंथों में हैं ।।*

    *गुरु केवल मार्गदर्शक है।*
    *आत्मा के लिये तो आपको ही पुरुषार्थ करना है।*
    *गुरु ने रास्ता दिखाया है,*
    *चलना आपको है।*
    *गुरु ने उपदेश दीया है,*
    *पालन आपको करना है।*
    *गुरु की वाह वाह से मोक्ष नहीं मिलता है।*
    *गुरुवचन के अनुसार चलने से मोक्ष मिलता है*

    *जब गुरु के दर जाना हो,*
    *तो दिमाग बंद कर लेना.....*
    *जब गुरु के शबद सुनने हों,*
    *तो कान खोल लेना....*
    *जब गुरु पे विश्वास करना हो,*
    *तो आँखें बंद कर लेना....*
    *जब गुरु को अर्पण करना हो,*
    *तो दिल खोल लेना......*
    *जब गुरु का प्रवचन सुनना हो,*
    *तो मुख बंद कर लेना......*
    *जब गुरु की सेवा करनी हो,*
    *तो घड़ी बंद कर लेना.....*
    *जब गुरु से विनती करनी हो,*
    *तो झोली खोल लेना..... !!!!!!*
    *यह गुरु का दर है*
    *यहाँ मनमानी नही होती,*
    *यह बात भी पक्की है*
    *कि कोई परेशानी नही होती,*

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  5. Jai Guru Dev Ji Maharaj ki Jai

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  6. क्या किसी ने इस साधना में सफलता प्राप्त किया है क्या प्लीज बताए

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श्राद्ध न करनेसे हानि

अपने शास्त्रने श्राद्ध न करनेसे होनेवाली जो हानि बतायी है, उसे जानकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। अतः आद्ध-तत्त्वसे परिचित होना तथा उसके अनुष्ठा...